आदित्य L1 क्या है , आदित्य L1 launch date कब है, Aditya L1 में कुल कितना खर्चा हुआ, आदित्य L1 का क्या मिशन है , आदित्य L1 कैसे काम करेगा आदि। ( What is Aditya L1, Aditya L1 Live Updates, Launch Date, Aditya L1 Budget, What is Aditya L1 mission, How it work? )
चंद्रयान 3 की सफलता के बाद ISRO ने 2 सितम्बर 2023 को दोपहर के समय 11:50 को अपना एक नया मिशन Aditya L1 को लांच किया ? यह मिशन सूर्य का परीक्षण के लिए किया गया है। इस मिशन को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेण्टर से लांच किया गया है यह आंध्रा प्रदेश के तिरुपति जिला के श्रीहरिकोटा में स्थित है।

दोस्तों आज हम इस लेख में Aditya L1 मिशन के हर एक पहलू के बारे में जानेगे की Aditya L1 mission kya hai, इसका Aditya L1 ही नाम क्यों पड़ा, इसका सूर्य यान या सूर्य मिशन क्यों कहा जा रहा है, Aditya L1 का Launch Date और Budget क्या है आदि।
आदित्य L1 मिशन क्या है? Aditya L1 Mission Kya Hai?
आदित्य L1 भारत के तरफ से छोड़ा गया पहला सेटेलाइट है. जो कि सूर्य के फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर और करोना का निरीक्षण करने के लिए भेजा गया है यह एक स्वदेशी मिशन है इस मिशन को बेंगलुरु के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स के द्वारा बनाया गया है
इस मिशन को 2 सितंबर 2023 शनिवार के दिन दोपहर के समय 11:50 पर सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया है जोकि आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिला के श्रीहरिकोटा में स्थित है. इस मिशन का लक्ष्य सूर्य के वायुमंडल का अध्ययन करना, सूर्य के करोना का भौतिक और तापमान का अध्ययन करना, सूर्य के आसपास की हवा, उसकी गतिशीलता, सूर्य की संरचना और उसकी उत्पत्ति की जांच करना, सूर्य के क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल हीटिंग की अध्ययन करना आदि है.
Aditya L1 ही नाम क्यों पड़ा ?
दोस्तों यह भी सोचने वाली बात है कि आखिर इस सूरज मिशन को आदित्य L1 ही नाम क्यों पड़ा। यह नाम ऐसे ही नहीं रख दिया गया है इसके पीछे भी कुछ राज है आइए हम उसके बारे में जानते हैं.
Aditya सूरज का दूसरा नाम है या फिर यूं कहें किया सूरज का पर्यायवाची शब्द है.
और L1 इसलिए क्योंकि सूरज का यह मिशन L1 क्षेत्र में ही रह कर अपना काम करेगा।
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर या L1 है क्या? और आखिर आदित्य मिशन इस L1 क्षेत्र में ही रहकर काम क्यों करेगा। इसके पीछे का क्या कारण है. आइए जानते हैं
L1 क्या है – ( What is L1 )
यहां पर L1 का मतलब लाग्रेंज बिंदु 1 से है। लाग्रेंज अंतरिक्ष का वह स्थान है जहां पर दो बड़े पिंडो ( सूरज और पृथ्वी ) के बीच गुरुत्वाकर्षण बैलेंस हो जाता है और यह बैलेंस बनने के कारण यहां एक सेंट्रीफ्यूगल फोर्स बन जाता है. पृथ्वी और सूरज के बीच ऐसे 5 लाग्रेंज पॉइंट हैं जिसे L1, L2, L3, L4 और L5 के नाम से जाना जाता है। L1, L2, और L3 अस्थाई है इनकी स्थिति समयानुसार बदलती रहती है वहीं दूसरी तरफ L4 और L5 जो स्थाई है।

आखिर ISRO ने L1 पॉइंट को ही क्यों चुना।
दोस्तों इसरो ने L1 पॉइंट को इसलिए चुना क्योंकि पांचो लाग्रेंज पॉइंट में से L1 सबसे नजदीक है जो कि पृथ्वी से 1500000 किलोमीटर की दूरी पर यह पृथ्वी और सूरज के बीच का वह स्थान है जहां पर इन दोनों का गुरुत्वाकर्षण बैलेंस हो जाता है और इनके बीच में सेंट्रीफ्यूगल फोर्स काम करने लगता है ऐसे में किसी भी सैटलाइट का लंबे समय तक काम करना वहां पर रुकना काफी आसान हो जाता है.
इसरो का यह आदित्य L1 मिशन आसपास के कक्ष में रखकर सूरज के वायुमंडल, सूरज का करोना आदि पर नजर रखेगा।
Aditya L1 का लक्ष्य क्या है – Aditya L1 Mission
सूर्य के आसपास के वायुमंडल का अध्ययन:
- क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल हीटिंग की अनुसंधान का आयोजन करें।
- फ्लेयर्स पर विशिष्ट रूप से शोध करें।
सौर कोरोना की भौतिकी और तापमान का मापन:
- सौर कोरोना की भौतिकी गुणधर्मों को अध्ययन करें।
- कोरोना के तापमान को मापें और विश्लेषण करें।
कोरोनल और कोरोनल लूप प्लाज्मा पर शोध :
- कोरोनल और कोरोनल लूप प्लाज्मा की तरंगों का विश्लेषण करें।
- इसमें तापमान, वेग, और घनत्व की मापदंडन करें।
सूर्य के आसपास के वायुमंडल की उत्पत्ति, संरचना, और गतिशीलता की जांच:
- वायुमंडल की उत्पत्ति और संरचना का अध्ययन करें।
- वायुमंडल की गतिशीलता और व्यवहार की जांच करें।
Official Links
ISRO Website – https://isro.gov.in